The best Side of Shodashi

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॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥

एकस्मिन्नणिमादिभिर्विलसितं भूमी-गृहे सिद्धिभिः

आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं

Within the context of power, Tripura Sundari's splendor is intertwined together with her energy. She is don't just the symbol of aesthetic perfection and also of sovereignty and triumph over evil.

Within the spiritual journey of Hinduism, Goddess Shodashi is revered as a pivotal deity in guiding devotees toward Moksha, the final word liberation with the cycle of delivery and Loss of life.

ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।

षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या

Goddess Shodashi has a 3rd eye on the forehead. She's clad in purple costume and richly bejeweled. She sits on the lotus seat laid on a golden throne. She is revealed with four arms through which she retains 5 arrows of bouquets, a noose, a goad and sugarcane as a bow.

हार्दं शोकातिरेकं शमयतु ललिताघीश्वरी पाशहस्ता ॥५॥

ह्रीङ्कारं परमं जपद्भिरनिशं मित्रेश-नाथादिभिः

यहां पढ़ें read more त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari kavach

श्रीगुहान्वयसौवर्णदीपिका दिशतु श्रियम् ॥१७॥

Soon after slipping, this Yoni within the Hill, it transformed into a stone for the good thing about human being however it is explained that still secretion of blood prevails periodically as though Goddess menstruates.

यदक्षरशशिज्योत्स्नामण्डितं भुवनत्रयम् ।

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